महत्वपूर्ण योजना
प्रधान मंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई)
माननीय प्रधान मंत्री ने प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक मूलभूत बैंक खाता, वित्तीय साक्षरता, ऋण, बीमा और पेंशन सुविधा तक पहुंच के साथ देश के सभी परिवारों को बैंकिंग सेवाओं तक सार्वजनिक पहुंच प्रदान करते हुए व्यापक वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए 15 अगस्त, 2014
को अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में वित्तीय समावेशन पर एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में प्रधान मंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा की थी इसके अंतर्गत ऐसा कोई व्यक्ति जिसका कोई बचत बैंक खाता न हो वह बिना किसी न्यूनतम शेष की आवश्यकता के एक खाता खोल सकता है तथा यदि वह स्व-प्रमाणित करता है
कि उसके पास बचत खाता खोलने के लिए अपेक्षित अधिकारिक रूप से वैध कोई भी दस्तावेज नहीं है तो एक छोटा खाता खोल सकता है। इसके अतिरिक्त, बैंकिंग सेवाओं की पहुंच के विस्तार के लिए देश के 6 लाख से अधिक सभी गांवों को 1.59 लाख उप-सेवा क्षेत्रों (एसएसए) में बांटा गया था, प्रत्येक एसएसए में 1000 से 1500 परिवार होते हैं तथा 1.26 लाख एसएसए जिनमें कोई बैंक शाखा नहीं है, शाखा-रहित बैंकिंग के लिए बैंक मित्र तैनात किए गए थे।
इस प्रकार, पीएमजेडीवाई में बैंक सुविधा से वंचित व्याक्तियों को बैंकिंग सेवाओं की सहज उपलब्धकता तथा वित्तीडय साक्षरता कार्यक्रम के जरिए वित्तीिय उत्पाेदों के बारे में जागरूकता सृजित करने की व्यथवस्थाई की गई है। इसके अलावा, उन्हेंो एक रूपे-डेबिट कार्ड प्राप्तस होता है, जिसमें 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर अंतर्निहित होता है तथा छ: माह के संतोषजनक खाता परिचालन इतिवृत्तर के आधार पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्धय है। इसके अतिरिक्त, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 09 मई, 2015
को शुभारंभ की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के जरिए सभी पात्र खाताधारक अपने बैंक खातों के माध्यीम से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत व्य क्तिगत दुर्घटना बीमा कवर,
पीएमजेडीवाई की अवधारणा एक सुदृढ़ नवोन्मे़षी एवं महत्वा कांक्षी मिशन के रूप में की गई थी। वर्ष 2011 की जनगणना में यह अनुमान लगाया गया था कि देश में 24.67 करोड़ परिवारों में से 14.48 करोड़ (58.7%) परिवारों के लिए बैंकिंग सेवाओं की उपलब्ध%ता थी।
योजना के प्रथम चरण में योजना के आरंभ किए जाने के एक वर्ष के भीतर बैंक खाता खोलकर इन परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 26 जनवरी, 2015 तक वास्तंविक उपलब्धि 12.55 करोड़ थी। 27.03.2019 की स्थिति के अनुसार, खातों की संख्यात बढ़कर 35.27 करोड़ हो गई। इसके अलावा, वर्ष 2011 में केवल 0.33 लाख एसएसए में बैंकिंग सुविधा थी तथा शाखा रहित एसएसए में 1.26 लाख बैंक मित्रों के जरिए पूरे ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवाओं का विस्ता र किया गया था। इसका समावेशी पहलू इस तथ्यर से स्पैष्टं है कि पीएमजेडीवाई खातों में से 20.90 करोड़ (60%) खाते ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और 18.74 करोड़ (53% से अधिक) खाताधारक महिलाएं हैं।
पीएमजेडीवाई खाते के जमा आधार में समय के साथ विस्ता6र हुआ है। दिनांक 27.03.2019 की स्थिति के अनुसार पीएमजेडीवाई खाते में जमा राशि 96,107 करोड़ रुपए थी। प्रति खाते औसत जमा राशि जो मार्च, 2015 में 1,064 रुपए थी, मार्च, 2019 में बढ़कर 2,725 रुपए हो गई।
बैंक मित्र नेटवर्क में भी सुदृढ़ता आई तथा इसके प्रयोग में वृद्धि हुई।
बैंक मित्र द्वारा परिचालित आधार समर्थित भुगतान प्रणाली के आधार पर प्रति बैंक मित्र औसत लेन-देन जो वर्ष 2014 में 52 था वह वर्ष 2016-17 में आठ गुना से ज्या़दा बढ़कर 4,291 हो गया।
जन-धन से जन सुरक्षा
सभी भारतियों विशेष रूप से गरीबों तथा वंचितों के लिए सर्व-व्या्पी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली सृजित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री ने 9 मई, 2015 को बीमा तथा पेंशन क्षेत्रों में तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का शुभारंभ किया था।
पीएमजेजेबीवाई बैंक खाताधारक 18 से 50 वर्ष के आयु समूह के उन सभी व्य क्तियों के लिए उपलब्धव है, जिन्होंेने इस योजना में शामिल होने तथा ऑटो-डेबिट के लिए अपनी सहमति दी हो। 2 लाख रुपए का जीवन कवर 1 जून से 31 मई तक की एक वर्ष की अवमधि के लिए उपलब्धक है और यह नवीकरणीय है।इस योजना के अंतर्गत किसी भी कारण से बीमित व्य क्ति की मृत्युन के मामले में 2 लाख रुपए का जोखिम कवरेज है।
इसका प्रीमियम 436 रुपए प्रति वर्ष है,
जो अभिदाता द्वारा दिए गए विकल्पव के अनुसार योजना के अंतर्गत प्रत्येयक वार्षिक कवरेज के लिए 31 मई या उससे पूर्व उनके बैंक खाते से एक किश्त में ऑटो-डेबिट किया जाना है।इस योजना का प्रस्तादव जीवन बीमा निगम तथा अन्यि जीवन बीमाकर्ता, जो इस प्रयोजन से अपेक्षित अनुमोदन प्राप्ती करके तथा बैंकों से समझौता करके इन्हीन शर्तों पर इस उत्पा द का प्रस्तानव करने के लिए इच्छुंक हों, द्वारा किया जाता है। 30 जून, 2022 की स्थिति के अनुसार, बैंकों द्वारा सूचित संचयी समग्र नामांकन के अनुसार पीएमजेजेबीवाई के अंतर्गत कवरेज 13.11 करोड़ है, जो पात्रता के सत्याकपन के अध्यजधीन है। पीएमजेजेबीवाई के अंतर्गत कुल 6,21,372 दावे पंजीकृत किए गए थे जिनमें से 5,92,192 दावों का संवितरण कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)
यह योजना एक बैंक खाता रखने वाले 18 से 70 वर्ष की आयु वर्ग के उन लोगों के लिए जो 1 जून से 31 मई की कवरेज अवधि के लिए योजना में शामिल होने/स्वेत: आहरण समर्थन को 31 मई या उससे पहले अपनी सहमति प्रदान करते हैं, वार्षिक नवीनीकरण आधार पर उपलब्ध है। आधार, बैंक खातों के लिए प्राथमिक केवाईसी होगा।
योजना के अंतर्गत दुर्घटना मृत्युध होने पर और पूर्ण विकलांगता के लिए जोखिम कवरेज 2 लाख रूपये तथा आंशिक विकलांगता पर जोखिम कवरेज 1 लाख रूपये है। खाताधारक के बैंक खाते से ‘स्वित: आहरण’ सुविधा के जरिए एक किस्तक में 20 रुपये की वार्षिक प्रीमियम की कटौती की जानी है। यह योजना सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों या किसी अन्यट साधारण बीमा कंपनी द्वारा जो इस उद्देश्य के लिए बैंकों के साथ इन्हींक शर्तों पर आवश्यौक अनुमोदन तथा सहमति से उत्पााद की पेशकश करने को इच्छुैक है, पेशकश की जा रही है।
30 जून, 2022
की स्थिति के अनुसार बैंकों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार पीएमएसबीवाई के अंतर्गत पात्रता के सत्यापपन के अध्यिधीन संचयी सकल नामांकन 29.01 करोड़ रूपये से अधिक है। पीएमएसबीवाई के अंतर्गत कुल 1,26,505 दावों में से 1,00,052,दावों का संवितरण किया गया है
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अटल पेंशन योजना (एपीवाई)
अटल पेंशन योजना प्रधानमंत्री द्वारा 9 मई, 2015 को आरंभ की गई थी। एपीवाई 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बचत बैंक/डाकघर बचत बैंक खाताधारकों के लिए खुली है और चयनित पेंशन राशि के आधार पर अभिदान अलग अलग होता है। अभिदाताओं को 60 वर्ष की आयु पर गारंटीशुदा न्यूअनतम मासिक पेंशन 1000/- रूपये या 2000/- रूपये या 3000/- रूपये या 4000/- रूपये या 5000/- रूपये प्राप्त होगी। एपीवाई के अंतर्गत अभिदाताओं को मासिक पेंशन उपलब्धय होगी, और उसके पश्चा0त् उसके पति/पत्नि को प्राप्तग होगी और उनकी मृत्युप के पश्चाात्, अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक संचित समग्र पेंशन अभिदाता के नामिती को वापस कर दी जाएगी। न्यूलनतम पेंशन सरकार द्वारा गारंटीशुदा होगी अर्थात् यदि अभिदान के आधार पर संचित समग्र निधि निवेश पर अनुमानित रिटर्न की तुलना में कम है और न्यू नतम गारंटीशुदा पेंशन प्रदान करने के लिए अपर्याप्तर है तो केंद्र सरकार ऐसी अपर्याप्ता राशि के लिए वित्तप पोषण करेगी।
वैकल्पिक रूप से निवेश पर प्राप्तस रिटर्न अधिक है तो अभिदाता को बढ़े हुए पेंशन संबंधी लाभ प्राप्तक होंगे।
अभिदाता की असामयिक मृत्यु होने पर, सरकार ने अभिदाता के पति/पत्नि
को अभिदाता के एपीवाई खाते में शेष बची अवधि के लिए, जब तक कि मूल अभिदाता 60 वर्ष की आयु पूरी न हो जाए, तक का विकल्प. देने का निर्णय लिया है। अभिदाता का पति/पत्नि अभिदाता के समान ही उसके पति/पत्नि की मृत्युय तक उसी पेंशन राशि को प्राप्तप करने का हकदार होगा। अभिदाता और उसके पति/पत्नि दोनों की मृत्युश के पश्चाभत्, अभिदाता का नामिती अभिदाता के 60 वर्ष तक की आयु तक संचित पेंशन लाभ को प्राप्त करने का हकदार होगा। 31 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार एपीवाई के अंतर्गत 6860.30 करोड़ रूपये के कुल पेंशन लाभ के साथ 149.53 लाख कुल अभिदाता नामांकित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
योजना 8 अप्रैल, 2015 को आरंभ की गई थी। योजना के अंतर्गत उप-योजना ‘शिशु’ के तहत 50,000 रूपये तक का ऋण; उप-योजना ‘किशोर’ के तहत 50,000 रूपये से 5.0 लाख रूपये तक का ऋण; और उप-योजना ‘तरुण’ के तहत 5.0 लाख रूपये से 10.0 लाख रूपये तक का ऋण दिया जाता है। इस ऋण को प्राप्तं करने हेतु संपार्श्विक की आवश्य.कता नहीं है।
इन उपायों का लक्ष्यज उन युवा,
शिक्षित या कुशल कामगारों का विश्वा्स बढ़ाना है जो अब प्रथम पीढ़ी उद्यमी बनने की आकांक्षा पूरी कर सकेंगे; वर्तमान लघु व्य वसायों का भी सक्रिय विस्ताीर करने में सक्षम होंगे। दिनांक 31.03.2019 की स्थिति के अनुसार, 5.99 करोड़ खातों में 3,21,722 करोड़ रूपये (142,345 करोड़ रूपये-शिशु, 104,386 करोड़ रूपये-किशोर और 74,991 करोड़ रूपये-तरुण श्रेणी) संवितरित किए गए हैं।
स्टैंंड अप इंडिया योजना
भारत सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को स्टैंडअप इंडिया योजना की शुरूआत की थी। योजना ग्रीनफील्डन उद्यमों को स्थाूपित करने के लिए प्रत्येअक बैंक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रूपये से 1 करोड़ रूपये के बीच के बैंक ऋण को सुकर बनाती है। ये उद्यम विनिर्माण, सेवा या व्याकपार क्षेत्र में हो सकते हैं। योजना जिसे सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है, को कम से कम 2.5 लाख उधारकर्ताओं को लाभ पहुंचाना है।
योजना परिचालन में है और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के जरिए पूरे देश में ऋण प्रदान किए जा रहे हैं।
स्टैंड अप इंडिया योजना महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी अर्थात् जनसंख्या का ऐसा वर्ग जिन्हेंा
अपर्याप्त और देर से मिलने
वाले ऋण के साथ-साथ सलाह/मेंटरशिप के अभाव के कारण अत्यनधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्सााहित करने का कार्य कर रही है।
योजना ग्रीनफील्डन उद्यमों की शुरूआत करने के लिए जनसंख्याव के अल्प सेवित वर्गों तक पहुंच हेतु संस्थापगत ऋण संरचना में छूट का विचार रखती है। यह तत्पार एवं प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधारकर्ताओं की आवश्यूकताओं को पूरी करती है। संपार्श्विक मुक्तत कवरेज को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने स्टैंतड अप इंडिया के लिए क्रेडिट गारंटी निधि (सीजीएफएसआई) की स्थामपना की है।
ऋण की सुविधा प्रदान करने के अलावा स्टैंड अप इंडिया योजना संभावित उधारकर्ताओं को हैंडहोल्डिंग सहायता के विस्ताअर को भी बढ़ावा दे रही है। यह केंद्र/राज्यओ सरकार की योजनाओं के साथ शामिल करने की भी व्यववस्थाब है। योजना के अंतर्गत आवेदन आनलाइन भी किए जा सकते हैं। स्टैंड अप इंडिया पोर्टल Stand
Up Mitra के रूप में इंगित एक आनलाइन निगरानी रखने हेतु प्रणाली का प्रयोग किया जा रहा है। दिनांक 31.03.2019 की स्थिति के अनुसार स्वीगकृत 16,085 करोड़ रूपये 72,983 खातों (59,429-महिला, 3,103- अनुसूचित जनजाति और 10,451-अनुसूचित जाति) में संवितरित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री वय वन्द ना योजना:
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना का शुभारंभ अनिश्चित बाजार स्थितियों के कारण 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों की ब्याज आय में भविष्य में होने वाली कमी के प्रति सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। इस योजना को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है और यह योजना अभिदान के लिए 31 मार्च, 2023 तक खुली है।
पीएमवीवीवाई में 10 वर्ष की पॉलिसी अवधि के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के संबंध में 7.40% प्रतिवर्ष के प्रतिलाभ का प्रस्ताव किया गया है।
इसके बाद के वर्षों में इस स्कीम के परिचालन में रहने पर इस अवसीमा की समाप्ति पर इस स्कीम का नए सिरे से मूल्यांकन करके 7.75% की अधिकतम सीमा के तथा वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) प्रतिलाभ की लागू दर के अनुरूप वित्तीय वर्ष के 1
अप्रैल से प्रतिलाभ की सुनिश्चित दर का वार्षिक आधार पर पुनर्निर्धारण किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत पेंशन का भुगतान ग्राहक द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक आधार पर किया जाता है। योजना के अंतर्गत न्यूनतम 1000 रुपये मासिक पेंशन के लिए न्यूनतम खरीद मूल्य 1,62,162 रुपये तथा 9,250 रुपए की प्रतिमाह पेंशन राशि प्राप्त करने के लिए अधिकतम खरीद मूल्य 15 लाख रुपए प्रति वरिष्ठ नागरिक है।
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