आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
योजना के माध्यम से प्रदान की गई 40 लाख नौकरियां
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कोरोना महामारी के कारण पिछले दिनों कई लोगों की नौकरियां चली गई है। इस स्थिति में लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से करीब 40 लाख लोगों को नौकरियां प्राप्त हुई है। 27 नवंबर 2021 तक कुल 39.59 लोगों को नौकरियां प्रदान की जा चुकी है। इन सभी नागरिकों को 1.16 लाख प्रतिष्ठानों के माध्यम से प्रदान किया गया है। इस बात की जानकारी श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली द्वारा प्रदान की गई। इस योजना को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत लांच किया गया था। वह सभी कंपनियां इस योजना का लाभ उठा सकते हैं जो ईपीएफओ के अंतर्गत रजिस्टर्ड है।
1000 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को प्रदान कि जाएगी दोहरी सब्सिडी - PRADHAN MANTRI YOJANA
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का लाभ उठाने के लिए 50 कर्मचारियों से कम वाली कंपनियों को कम से कम 2 नए कर्मचारी को नौकरी प्रदान करनी होगी। इसी तरह 50 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों को सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए 5 नए नागरिकों को नौकरी प्रदान करनी होंगी। यदि प्रतिष्ठान में कर्मचारियों की संख्या 1000 तक है तो उनको दोहरी सब्सिडी प्रदान की जाती है। ऐसी सभी कंपनियों के कर्मचारियों को वेतन का 24% हिस्सा सब्सिडी के रूप में प्राप्त होता है। जिसमें कंपनी एवं कर्मचारी दोनों के हिस्से का 12-12% पीएफ कंट्रीब्यूशन शामिल होता है। सभी 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को 12% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह सब्सिडी 2 वर्ष तक प्रदान की जाएगी।
Aatmnirbhar Bharat Rozgar Yojana In Highlights
योजना का नाम | आत्मनिर्भर भारत रोजगार |
योजना का प्रकार | केंद्र सरकार |
किसके द्वारा आरम्भ | निर्मला सीतारमण |
आरम्भ करने की तिथि | 12-11-2020 |
योजना की अवधि | 2 वर्ष |
उद्देश्य | रोजगार के नए अवसर प्रदान करना |
लाभार्थी | नए कर्मचारी |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.epfindia.gov.in/site_en/index.php |
पंजीकरण की अंतिम तिथि का किया गया विस्तार
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से नियोक्ताओं को रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह योजना आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के अंतर्गत घोषित कि गई थी। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के अंतर्गत पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 जून 2021 निर्धारित की गई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया गया है। नागरिकों द्वारा आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से इस योजना के अंतर्गत आवेदन किया जा सकता है। ईपीएफ और एमपी अधिनियम 1952 के अंतर्गत पंजीकृत होने वाले नए कर्मचारी एवं नए प्रतिष्ठान 31 मार्च 2022 तक इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण कर सकते हैं।
71.80 लाख कर्मचारियों को पहुंचाया जाएगा योजना का लाभ
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को रोजगार के अवसरों में वृद्धि लाने के लिए आरंभ किया गया था। इस योजना को आरंभ करते समय लगभग 58.5 लाख लाभार्थियों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर 71.80 लाख लाभार्थी कर दिया गया है। इस योजना के माध्यम से 71.80 लाभार्थियों को कवर किया जाएगा। इस बात की जानकारी श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा लोकसभा में प्रदान की गई है। 12 जुलाई 2021 तक इस योजना के माध्यम से 84,390 संस्थानों के 22.57 लाख कर्मचारियों को 993.26 करोड़ रुपए का लाभ प्रदान किया गया है। इस योजना को पिछले वर्ष आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के अंतर्गत लांच किया गया था। इस योजना का कार्यान्वयन एम्पलाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य नियोक्ताओं को रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के माध्यम से उन कर्मचारियों को भी लाभ पहुंचाया जाएगा जिनकी नौकरी कोरोनावायरस संक्रमण के कारण गई है और उन्होंने 30 सितंबर 2020 तक किसी भी ईपीएफ कवर्ड संस्थान में नौकरी नहीं की है। सरकार द्वारा इस योजना का विस्तार अब 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया है।
30 मार्च 2022 तक प्रदान किया जाएगा लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा 28 जून 2021 को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का दायरा 30 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना को 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक के लिए आरंभ किया गया था। अब यह योजना 30 मार्च 2022 तक संचालित की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2021 है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के माध्यम से नियोक्ताओं को रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह प्रोत्साहन सरकार द्वारा कर्मचारी एवं नियुक्ता का प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन जमा करके किया जाएगा। यदि किसी संस्था में 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं तो इस स्थिति में सरकार द्वारा केवल कर्मचारी कंट्रीब्यूशन ही जमा किया जाएगा।
इस योजना का लाभ 2 साल के लिए उन सभी कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा जिनकी मासिक आय ₹15000 या फिर ₹15000 से कम है। सरकार द्वारा इस योजना के संचालन के लिए कुल 22810 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। जिससे कि 58.50 लाख लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा। 18 जून 2021 तक 902 करोड रुपए की राशि 79577 संस्थानों के 21.42 लाख लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए खर्च की जा चुकी है।
31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कोरोना वायरस महामारी का संकट अभी भी देश में बना हुआ है। जिसके कारण लगभग 2.53 करोड़ नागरिकों ने अपने रोजगार खोए हैं। केवल मई के माह में ही 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों के रोजगार गए हैं। इसी संकट को देखते हुए सरकार द्वारा पिछले वर्ष आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का आरंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा 2 सालों के लिए कर्मचारी एवं नियुक्ता का प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन जमा किया जाएगा। जिसमें बेसिक सैलेरी एवं देअर्नेस एलाउंस का 12 फ़ीसदी वाला एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन एवं एम्पलाई कंट्रीब्यूशन सरकार द्वारा जमा किया जाएगा।
इस योजना के माध्यम से सरकार का 58.5 लाख रोजगार सृजन करने का उद्देश्य है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का संचालन 1 अक्टूबर 2020 से किया जा रहा है। इस योजना की डेडलाइन 30 जून 2021 को समाप्त हो रही थी। अब इस डेडलाइन को सरकार द्वारा 31 मार्च 2022 कर दी गयी है
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