विवाद से विश्वास योजना - PRADHAN MANTRI YOJANA
विवाद से विश्वास योजना का आरंभ सरकार द्वारा विभिन्न कर मामलों का समाधान करने के लिए किया गया है। इस योजना के अंतर्गत आयकर विभाग और करदाताओं द्वारा सभी अपीलों को वापस लिया जाएगा। विवाद से विश्वास योजना खासतौर से उन लोगों के लिए है जिनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा किसी उच्च मंच पर अपील की गई है। विवाद से विश्वास योजना के माध्यम से अब तक 45855 मामलों का समाधान कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत 72,780 करोड रुपए कर की राशि सरकार द्वारा हासिल की गई है।
क्या है विवाद से विश्वास स्कीम जिसके जरिये सरकार को मिले 53,684 करोड़ रुपये
इस स्कीम में टैक्सपेयर को सिर्फ विवादित करों का ही भुगतान करना होता है. इस रकम पर टैक्स विभाग की ओर से कोई ब्याज या दंड नहीं लगाया जाता. जो टैक्सपेयर इस स्कीम का लाभ लेता है, सरकार की तरफ से उसकी पहचान उजागर नहीं की जाती.
प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना (direct tax dispute resolution scheme) विवाद से विश्वास के तहत सरकार को 53,684 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को संसद में यह जानकारी दी. यह योजना टैक्स पेमेंट से जुड़े विवादों को सुलझाने का अवसर देती है जिसमें टैक्स विभाग और पीड़ित पक्ष आमने-सामने बैठते हैं और मामला सुलझाया जाता है. सरकार इसमें टैक्स की राशि तय करती है जिसे चुकाकर विवाद को निपटाया जाता है.
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इस बारे में वित्त राज्यमंत्री ने लोकसभा में विस्तार से जानकारी दी. राज्यमंत्री ने बताया कि 1.32 लाख डिक्लेरेशन की गई है जिसमें 99,765 करोड़ रुपये के विवादित टैक्स का मामला फाइल किया गया. विवाद से विश्वास स्कीम के तहत टैक्स विभाग में ये सभी मामले उठाए गए हैं. इसमें सरकार को 53,684 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. पंकज चौधरी ने बताया कि विवाद से विश्वास स्कीम में सरकार ने कोई लक्ष्य तय नहीं किया था. यह स्कीम पूरी तरह से स्वैच्छिक है जिसमें टैक्सपेयर्स की ओर से पेंडिंग टैक्स विवाद निपटाने के लिए पैसा जमा किया जाता है.
विवाद से विश्वास स्कीम का नियम
टैक्सपेयर्स की ओर से डिक्लेरेशन करने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2021 तय की गई थी. हालांकि सरकार ने पेमेंट करने की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 31 अगस्त निर्धारित किया था. इसके अलावा भी टैक्सपेयर्स को मोहलत दी गई है और वह चाहे तो कुछ ब्याज चुकाकर 31 अक्टूबर तक टैक्स पेमेंट कर सकता है. इस योजना में विवादित कर, विवादित जुर्माना या विवादित शुल्क के संबंध में एक नियम बनाया गया है जिसके तहत विवादित कर के 100 प्रतिशत और विवादित दंड या ब्याज या शुल्क के 25 प्रतिशत के भुगतान पर मामला रफा-दफा करने का प्रावधान है. विवाद से विश्वास स्कीम में टैक्सपेयर को आयकर अधिनियम के तहत किसी भी अपराध के लिए ब्याज, जुर्माना और मुकदमे के लिए किसी भी कार्यवाही से छूट दी जाती है. अलग-अलग विभागों में पेंडिंग टैक्स के मामलों को निपटाने के लिए सरकार ने 17 मार्च, 2020 को विवाद से विश्वास स्कीम की शुरुआत की थी.
कैसे होता है टैक्स का भुगतान - PM SARKARI YOJANA
इस स्कीम में टैक्सपेयर को सिर्फ विवादित करों का ही भुगतान करना होता है. इस रकम पर टैक्स विभाग की ओर से कोई ब्याज या दंड नहीं लगाया जाता. जो टैक्सपेयर इस स्कीम का लाभ लेता है, सरकार की तरफ से उसकी पहचान उजागर नहीं की जाती. समय-समय पर इस स्कीम की मियाद को बढ़ाया जाता रहा है ताकि ज्यादा मामले निपटाए जा सकें. इस मामले में कारोबारियों को भी शामिल किया गया है जो अपने टैक्स विवाद का निपटान कर सकते हैं. स्कीम के तहत जो भी राशि तय होती है, उसके लिए एक निर्धारित तारीख रखी जाती है जिसके दरमियान टैक्सपेयर को पैसा चुकाना होता है. छापेमारी में अगर 5 करोड़ से कम का मामला पकड़ा जाता है तो इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है. हालांकि मामला कोर्ट में चल रहा है और सजा का ऐलान हो चुका है तो विवाद से विश्वास स्कीम का लाभ नहीं ले सकते.
करदाता को राहत देने की कवायद
इस स्कीम को इसलिए शुरू किया गया ताकि टैक्स का मामला कोर्ट में न जाकर टैक्स फोरम पर ही निपटा लिया जाए. कोर्ट में मामला चलने पर लंबे दिनों के लिए खिंच सकता है. इससे टैक्सपेयर को मानसिक परेशानी के अलावा बिजनेस या कारोबार पर भी असर पड़ सकता है. टैक्स विभाग इसमें ब्याज और दंड से छूट देता है और विवादित कर की जो राशि बनती है, उसे ही चुकाना होता है. मिल बैठ कर मामला सुलझाने से टैक्सपेयर और प्रशासन के बीच भरोसा बढ़ता है और कोर्ट की कार्यवाही से बचने का अवसर मिलता है. जो लोग इस स्कीम का लाभ उठाना चाहते हैं उन्हें निर्धारित तारीख तक पेमेंट करना होता है.
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